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महिलाएं संसार को व्यवस्थित रूप से चलाने मैं निभा रही है अहम भूमिका मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर

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महिलाएं संसार को व्यवस्थित रूप से चलाने में निभा रही हैं अहम भूमिका- मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर

 

 📝🎯खरगोन से ब्यूरो चीफ अनिल बिलवे की रिपोर्ट…

महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत महेश्वर में अनुभव साझा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड एवं वसुधा विकास संस्थान द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्भया फंड के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की श्रीमती सावित्री ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। साथ ही पीएस टू मिनिस्टर सुश्री निमिषा झा एवं सलाहकार, जेंडर, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के डॉ. आलोक चौबे भी मंचासीन थे।

 

 मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर ने कहा कि महिलाएं न केवल परिवार को सहेजती हैं, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी शक्ति को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महेश्वर का पर्यटन सुविधा केंद्र अब प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा, जो इस परियोजना की सफलता का प्रमाण है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेशभर में प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे, जिससे महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगी और पर्यटन क्षेत्र में भी उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी।

 

 डॉ. आलोक चौबे ने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं से संवाद कर उन्हें आगे और सशक्त बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही फेडरेशन के बारे में चर्चा कर उनका उद्देश्य व महत्व बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि उन्हें पर्यटन क्षेत्र में एक नई पहचान भी दिला रही है। कार्यक्रम में वसुधा विकास संस्थान के परियोजना अधिकारी श्री सतीश वाणी ने परियोजना की प्रगति व उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक कई महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर पर्यटन क्षेत्र में रोजगार से जुड़ चुकी हैं।

 

 प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। सुश्री स्वाति यादव ने बताया कि पूर्व में वे किसी रोजगार से नहीं जुड़ी थीं, परंतु प्रशिक्षण के बाद वे अब पर्यटन सुविधा केंद्र में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्य कर रही हैं। वहीं सुश्री दीपिका केवट ने बताया कि कि मैंने नाविक और स्टोरीटेलिंग की ट्रेनिंग ली थी। अब मैं नर्मदा घाट पर महिला पर्यटकों को नाव से महेश्वर दर्शन कराती हूं, जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। शासकीय कन्या शिक्षा परिसर की छात्राओं ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण का अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले उन्हें अकेले आने-जाने में डर लगता था, लेकिन अब उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अपनी रक्षा स्वयं करने में सक्षम हैं।

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